Atal Bihari Vajpayee death anniversary: देश में बदली रोड, एजुकेशन और टेलिकॉम की तस्वीर, वाजपेयी सरकार के 5 बड़े रिफॉर्म
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Aug 16, 2021 12:12 PM IST
Atal Bihari Vajpayee death anniversary: देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की आज तीसरी पुण्यतिथि है. वाजपेयी न केवल लोकप्रिय राजनेता थे, बल्कि आर्थिक विकास को लेकर उनका नजरिया भी प्रोगेसिव था. देश में सड़कों का नेटवर्क हो या निजीकरण या नई टेलिकॉम पॉलिसी, हर बड़े मोर्चे पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की सोच अलग थी. वाजपेयी हमेशा से इस बात के पैरोकार रहे कि बिजनेस में सरकार का रोल कम से कम होनी चाहिए. यही वजह है कि उन्होंने अपनी सरकार में अलग से विनिवेश मंत्रालय (डिसइन्वेस्टमेंट मिनिस्ट्री) का गठन किया. साल 1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का काम वाजयेपी सरकार में हुआ. आइए जानते हैं वाजपेयी के 5 बड़े रिफॉर्म्स के बारे में...
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प्राइवेटाइजेशन
भूतपूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी हमेशा से इस बात के समर्थन में रहे कि बिजनेस में सरकार की रोल कम से कम होनी चाहिए. इसलिए उन्होंने अपनी सरकार में अलग से विनिवेश मंत्रालय (डिसइन्वेस्टमेंट मिनिस्ट्री) बनाया. भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले विनिवेश मंत्री थे. सबसे अहम फैसला भारत एल्युमीनियम कंपनी (BALCO) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और VSNL में विनिवेश का था.
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रोड इंफ्रास्ट्रक्चर
वायपेयी सरकार ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में जबरदस्त काम किया. आज देश में बड़े शहरों को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे की बात हो या गांव-गांव तक पकी सड़क की, ये वाजपेयी सरकार की रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट्स की ही देन है. वाजपेयी की स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश में रोड नेटवर्क की सूरत बदल दी. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के जरिए उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से जोड़ने का काम किया. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया.
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टेलिकॉम रिवोल्यूशन
वाजपेयी सरकार नई टेलिकॉम पॉलिसी के जरिए देश में एक टेलिकॉम रिवॉल्यूशन लेकर आई. नई पॉलिसी के जरिए वाजपेयी सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों के लिए एक तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की थी. वाजपेयी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेलिफोनी में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) की मोनोपोली को पूरी तरह खत्म किया था. टेलिकॉम डिस्पुट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई.
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फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी
सरकारी खर्चों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में वाजपेयी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया था. उन्होंने फिस्कल डेफेसिट (राजकोषीय घाटे) को कम करने के लिए राजकोषीय जवाबदेही एक्ट (the Fiscal Responsibility Act) बनाया. इससे पब्लिक सेक्टर सेविंग्स में इजाफा हुआ. यह फाइनेंशियल ईयर 2000 में जीडीपी के -0.8 फीसदी से बढ़कर फाइनेंशियल ईयर 2005 में जीडीपी का 2.3 फीसदी तक पहुंच गया.
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